इतना करना हे गोविन्द किमेरी भक्ति कभी न छूटेटूटे चाहे जग के सब रिश्ते......................पर मेरा रिश्ता तुझसे न टूटे
'''मीरा कृष्ण की भक्ति मैं'''........'''हमको गए क्यों भूल ओह कान्हा , मेरे दिल को जला के क्या है मेरा कसूर ओह कान्हा , दिल को जला के''''''कर गए मुझे मजबूर ओह कान्हा , दिल को जला के '''आस लगाये बैठी हूँ ओह कान्हा , दर्शन दो , मेरे दिल मैं आ के'''''''जय श्री कृष्ण''''
खुद में महसूस हो रहा है जो खुद से बाहर तलाश है उसकी..
इतना करना हे गोविन्द कि
ReplyDeleteमेरी भक्ति कभी न छूटे
टूटे चाहे जग के सब रिश्ते......................
पर मेरा रिश्ता तुझसे न टूटे
'''मीरा कृष्ण की भक्ति मैं'''........
ReplyDelete'''हमको गए क्यों भूल ओह कान्हा , मेरे दिल को जला के
क्या है मेरा कसूर ओह कान्हा , दिल को जला के'''
'''कर गए मुझे मजबूर ओह कान्हा , दिल को जला के
'''आस लगाये बैठी हूँ ओह कान्हा , दर्शन दो , मेरे दिल मैं आ के''''
'''जय श्री कृष्ण''''
खुद में
ReplyDeleteमहसूस हो रहा है
जो
खुद से बाहर
तलाश है उसकी..