Tuesday, November 1, 2011

हे कृष्णा मुरार,ग्वाल बालो के सखा मेरे नटवर नागर मदन गोपाल

हे कृष्णा मुरार,ग्वाल बालो के सखा मेरे नटवर नागर मदन गोपाल यूँ इतना तो ना तरसाओ इन आँखों से भी अपनी याद में दो बूँद आंसू गिरवाओ हम तड़प रहे हैं बिलख रहे हैं के इन आँखों से भी तुम्हारी याद में दो आंसू गिर जाए मगर यह पागल मन छटपटा रहा हैं तोसे मिलने की आस लगा रहा हैं ओह मेरे पिया श्याम बनवारी आ जाओ ना कर के कोई बहाना गिरधारी मन व्याकुल हो रहा हैं और हो रहा अधीर भी कैसे तुझे अपना हाल बताऊ कैसे तुझे इस दिल की स्थिति बतलाऊबस श्याम पिया आ जाओ अब ना देर लगाओ आ जाओ








अपने चरणों मैं समा लो


मुझे अपने चरणों की नुपुर बना लो मोहन

नुपुर बना के

अपने चरणों से लगा लो मोहन

मुझे अपने चरणों की नुपुर बना लो मोहन


नुपुर जब शम शम बजेगी

तेरे आने का संकेत भक्तो को दिला देगी


जब स्पर्श तेरे चरणों का , मैं पाऊँगी

मैं धन्य हो जाउंगी


मोहन मोहे पुष्प बना लो

अपने चरणों मैं मिला लो

तेरे चरणों की धूल जो पुष्प भी पाये

वो भी धन्य हो जाए


मुझे अपने चरणों की धूलि बना लो

अपने चरणों मैं समा लो


मुझे अपने चरणों की नुपुर बना लो

नुपुर बना के

अपने चरणों से लगा लो